नई दिल्ली- बोरी-बंदर और ठाणे के बीच देश में पहली ट्रेन के चलने के उपलक्ष्य में भारतीय रेलवे हर साल रेलवे सप्ताह मनाता है। इस वर्ष दिल्ली मंडल उत्तर रेलवे ने अपना ६६वां एवं ६७वां रेलवे सप्ताह समारोह मनाया, जिसमें पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता डिम्पी गर्ग, मंडल रेल प्रबंधक दिल्ली ने एडीआरएम अनिरुद्ध कुमार, हमेंद्र कुमार, वीके सिंह, अनुपम सिंह और अन्य वरिष्ठ रेलवे अधिकारी और कर्मचारी,मान्यताप्राप्त यूनियनों के सदस्य भी स्टेट एंट्री रोड नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित रहे । डिम्पी गर्ग मंडल रेल प्रबंधक दिल्ली द्वारा रेल कर्मचारियों अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित करने के साथ हुई। महाप्रबंधक स्तर पर रेलवे सप्ताह पुरस्कारों के दौरान दिल्ली मंडल को सभी क्षेत्रों में महाप्रबंधक द्वारा सर्वश्रेष्ठ कार्य निष्पादन से सम्मानित किया गया, तथा १२ अन्य शील्ड अवार्ड प्राप्त किए गए। इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक दिल्ली डिम्पी गर्ग ने उपलब्धियों के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह वर्ष हमारे लिए विशेष रूप से उत्साहजनक रहा है। उन्होंने कहा कि सभी रेलकर्मी ट्रेन संचालन में सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी से अच्छी तरह वाकिफ हैं। हरित ऊर्जा पहल की दिशा में, दिल्ली मंडल ने १.२९३ मेगावॉट रूफटॉप सोलर प्लांट सिस्टम का प्रावधान किया है। इसके परिणामस्वरूप १४.१५ लाख प्रति वर्ष की बचत हुई है, जो कि रु. ७७.८७ लाख प्रति वर्ष है। दिल्ली मंडल वित्तीय वर्ष २०२१.२२ के दौरान १०० प्रतिशत रेल विद्युतीकरण हासिल करने वाला उत्तर रेलवे का पहला मंडल बन गया है। मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन पर ३०.७० प्रतिशत लाइट कंट्रोल सिस्टम का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान १३ समपारों को समाप्त कर दिया गया है और २३ सडक़ के नीचे के पुलों,सीमित ऊंचाई के सबवे, सडक़ के ऊपर पुलों का निर्माण किया गया है। कुल ५३४ किलोमीटर पर अनुभागीय गति बढ़ा दी गई है। गढ़ी फारुख नगर सेक्शन पर ५० किमी प्रति घंटे से ७५ किमी प्रति घंटे, नई दिल्ली-अंबाला सेक्शन पर ११० किमी प्रति घंटे से १३० किमी प्रति घंटे और पलवल-हजरत निजामुद्दीन-गाजियाबाद एवं अम्बाला, पानीपत, पलवल सेक्शन पर मालगाडिय़ो की आवाजाही ७५ किमी प्रति घंटे तक बढ़ाई गई है। उन्होंने बताया कि सामाजिक जिम्मेदारी के एक हिस्से के रूप में, रेलवे ने विकलांग बच्चों की देखभाल के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार किया है। ऐसी ही एक पहल में, एनआरडब्ल्यूडब्ल्यूओ दिल्ली मंडल १९९१ से नवचेतना स्पेशल स्कूल नाम से विशेष बच्चों के लिए एक स्कूल चला रहा है, जिसकी शुरुआत एक बच्चे से हुई थी और वर्तमान में १५ बच्चे है।