नई दिल्ली- उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने उत्तर रेलवे के प्रमुख विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों के साथ समीक्षा बैठक का आयोजन किया। बैठक में रेलों पर संरक्षा को प्राथमिकता दिए जाने पर बल दिया गया । इसके लिए रेलपथों, चलस्टॉक, सिगनल और बिजली के ओवरहेड तारों के अनुरक्षण को उच्च वरीयता दी जानी चाहिए । उन्होंने विभागों से रेल कर्मचारियों के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण एवं पुनश्चर्या पाठयक्रम आयोजित करने का परामर्श दिया ताकि उन्हें जागरूक बनाए रखा जा सके और रेल प्रणाली में मानवीय त्रुटियों को कम किया जा सके। सर्दियों के मौसम में घने कोहरे से उत्तरी क्षेत्र में रेल परिचालन बहुत कठिन हो जाता है । उन्होंने सभी मंडलों को निर्देश दिया कि सिगनल प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। महाप्रबंधक ने रेल पटरियों में आने वाली दरारों उपकरणों की विफलता, पॉइंट और क्रॉसिंग का अनुरक्षण,शंटिंग,कार्यस्थल पर सुरक्षा आदि पर चिंता प्रकट की और सिगनलों, रेल दरारों और रेल वेल्डों की व्यापक रूप से निगरानी के निर्देश दिए । उन्होंने जहां भी आवश्यक है, वहां पेड़ों की छंटाई के लिए वन विभाग से अनुमोदन लेने की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए ताकि उनसे रेल पटरियों अथवा ओएचई तारों को कोई क्षति न पहुंचे। उन्होंने रेलपथों पर विद्युत संरक्षा के साथ-साथ रेलगाडिय़ों के निर्बाध परिचालन के लिए रिले और पैनल रूमों की संरक्षा पर भी ध्यान केन्द्रित करने के निर्देश दिए । उन्होंने रेल परिचालन में मानवीय त्रुटियों को कम करने पर जोर दिया । उन्होंने विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों को समयपालन बद्धता को 95 प्रतिशत बनाए रखने और माल लदान व संरक्षा को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए । मालभाड़ा बिजनेस डेवलपमेंट पर बात करते हुए महाप्रबंधक ने व्यापार यूनिटों के बढ़े हुए दायरों का जायजा लिया । उन्होंने कहा कि बीडीयू को ग्राहकों के बीच भरोसे, सहयोग और आत्मविश्वास का माहौल बनाना चाहिए । उन्होंने कहा कि रेलवे द्वारा दी जा रही रियायतें ग्राहकों तक पहुंचनी चाहिए । उन्होंने बताया कि खाद्यान्नों एवं अन्य मदों के लदान में प्रत्येक गुजरते माह के साथ वृद्धि हुई है।