नई दिल्ली- दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम पर कागजों पर बच्चों की संख्या बढ़ाकर बड़ी लूट को अंजाम देने का आरोप लगाया है। आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा साउथ एमसीडी के 29 स्कूल बंद कर बच्चों को दूसरे स्कूलों में मर्ज कर रही है। एक तरफ एमसीडी इस सत्र में करीब एक लाख बच्चे बढऩे का दावा कर रही है, दूसरी तरफ 29 स्कूल बंद करने जा रही है। एमसीडी के स्कूलों में बच्चे बढ़े तो हैं लेकिन सिर्फ कागजों पर। संख्या बढ़ाकर बच्चों के नाम पर एमसीडी एक बड़ी लूट को अंजाम दे रही है। खुद एमसीडी स्कूल टीचर्स एसोसिएशन के प्रमुख कुलदीप खत्री का कहना है कि एमसीडी के आंकड़े संग्दिंध हैं क्योंकि स्कूल तभी मर्ज होते हैं जब बच्चों की संख्या बहुत कम हो। उन्होंने कहा कि जहां दिल्ली सारकार ने अपने स्कूलों में लगभग 20 हजार स्कूल बढ़ाए हैं, वहीं एमसीडी ने लगभग 100 स्कूल बंद कर दिए हैं। एक तरफ सरकार के स्कूल शिक्षा क्रांति के लिए दुनियाभर में चर्चित हैं, वहीं एमसीडी के स्कूल दिन प्रतिदिन कम होने के लिए चर्चा में हैं। आप प्रवक्ता ने कहा कि साउथ एमसीडी अपने यहां 29 स्कूल बंद कर रही है। और उन 29 स्कूलों के बच्चों को दूसरे स्कूलों के बच्चों के साथ मर्ज कर रहा है। जाहिर है, टीचर्स और छात्रों का रेशियो नहीं बदला। अगर कल तक 100 स्कूलों की जरूरत थी, अगर आज वह कुछ स्कूल कम कर रहे हैं तो जाहिर है स्कूलों में बच्चे घटे होंगे। वर्ना, यदि छात्र उतने ही हों और स्कूल कम हो जाएं तो छात्रों और शिक्षकों का रेशियो खराब हो जाएगा। तो जब 29 स्कूल बंद कर रहे हैं, तो सवाल उठता है कि जरूर छात्रों की गिनती कम हुई होगी। मगर इसके बिल्कुल विपरीत, साउथ एमसीडी का दावा था कि इस साल की शुरुआत में उनके यहां करीब 96 हजार बच्चे और बढ़े हैं। पिछले साल के मुकाबले इनके यहां 96000 बच्चे बढ़े हैं। भारद्वाज ने कहा कि मेरा मानना है कि इनका यह डाटा झूठा है। इनके स्कूलों में बच्चे कम हुए हैं और सिर्फ बदनामी से बचने के लिए, चुनाव में अपना दावा दिखाने के लिए और बच्चों के नाम पर लूट करने के लिए यह आंकड़ें दिखाए गए हैं। इसमें भी मात्र 1 प्रतिशत का दिखाया जा रहा है। बाकी और भी कई आंकड़ें हमारे पास हैं लेकिन कुल 2 मामले ही हम इस प्रेस वार्ता के माध्यम से हम बताना चाहते हैं। एक, साउथ एमसीडी ने बंद किए। दूसरा, इन्होंने कहा कि करीब 93 हजार बच्चे बढ़े लेकिन यह संभव नहीं है कि आपके यहां बच्चे बढ़ रहे हैं क्योंकि आप स्कूल बंद कर रहे है। मतलब आप बच्चों का नाम सिर्फ कागजों पर डाल रहे हैं। आप प्रकार से एक बड़ी लूट को अंजाम देना चाहते हैं।