– १५ दिसंबर तक खाली हो जाएगा गाजीपुर बॉडर्र
नई दिल्ली। किसानों के प्रदर्शन स्थल में से एक गाजीपुर बॉर्डर पर शनिवार को सीढ़ी, तिरपाल, डंडे और रस्सियां बिखरी पड़ी थीं क्योंकि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन खत्म होने के बाद किसानों ने अपने तंबू उखाड़ लिए, अपना सामान बांध कर उन्हें ट्रकों पर लादना शुरू कर दिया है। जोश पैदा करने के लिए वे लगातार बोले सो निहाल का नारा लगा रहे थे। 40 किसान यूनियन की संस्था संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बृहस्पतिवार को प्रदर्शन खत्म करने की घोषणा की थी। केंद्र के कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर एक साल पहले उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। सरकार द्वारा विवादास्पद कानूनों को वापस लेने के हफ्तों बाद किसान शनिवार की सुबह घर जाना शुरू कर दिया।  युवा और बुजुर्गों ने पिछले एक साल में दिल्ली-करनाल सडक़ के लंबे धूल भरे खंड पर बनाए गए मजबूत अस्थाई ढांचे को तोडऩे के लिए हाथ मिलाया। गाजियाबाद मंडल सयुक्त किसान मोर्चा के नेता संदीप चौधरी ने कहा हम सरकार के फैसले से बहुत खुश है। इसी लिए अब हम सब अपने अपने घरों के निकल रहे है।
गाजीपुर बॉर्डर से किसानों का पहला जत्था बिजनौर रवाना, राकेश टिकैत ने दिखाई हरी झंडी
– दिल्ली बॉर्डर से किसानों की रवानगी शुरू हो गई है, शनिवार सुबह किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों के पहले जत्थे को बिजनौर के लिए रवाना किया। गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले एक साथ से कृषि कानूनों की वापसी समेत अन्य मांगों को लेकर एक साल से डटे हुए थे। टिकैत ने कहा कि गाजीपुर बॉडर्र १५,१६ दिसंबर तक खाली हो जाएगा।
आंदोलन समाप्त नहीं, स्थगित
– कृषि कानून की वापसी के बाद भी किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत कई मांगों को लेकर धरने पर जमे रहे थे। लेकिन अब सरकार ने एक चि_ी भेजकर उनकी सभी मांगों को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है। संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन समेत कई किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर साल भर सरकार से वार्ता करते रहे। संयुक्त किसान मोर्चा की माने तो उन्होंने आंदोलन समाप्त नहीं किया है, बल्कि स्थगित किया है, अगर सरकार अपने वायदे से पीछे हटती है कि तो किसान फिर से दिल्ली में अपनी धमक दिखा सकते हैं।
सबसे अंत में अपना मोर्चा खाली करेंगे टिकैत
– दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर सबसे आखिर में किसान नेता राकेश टिकैत अपना मोर्चा खाली करेंगे,उन्होंने पहले ही यह बयान देकर साफ  कर दिया था। मालुम हो की दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर जहां सबसे पहले किसान आंदोलन करने के लिए मोर्चा लेकर पहुंचे थे वहां पर भी अब तेजी से किसान अपने समान और टेंट तंबू को बांधना शुरू कर चुके हैं।
देशभक्ति गीतों पर नाचे किसान
– एक साल से ज्यादा वक्त से चल रहे किसान आंदोलन की अब घर वापसी शुरू हो गई है जिसको लेकर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसानों ने तैयारी भी शुरू कर दी है, लेकिन मोर्चा खत्म होने से एक रात पहले और शनिवार को आंदोलनकारी किसान देशभक्ति गानों की धुनों पर गाजीपुर बॉर्डर पर जश्न मनाते नजर आए।
शादी जैसा बनाया गया खाना
– शामली से आए किसानों ने शनिवार को गाजीपुर बॉडर्र पर पूड़ी, सब्जी और देसी घी का हलवा बनाया। यहां के लंगर में मौजूद किसान बताते हैं कि उनके गांव में शादी के पहले हल्दी और दूसरे रीति रिवाज में जिस तरह का खाना बनाया जाता है उसी तरह का खाना तैयार किया गया। वहीं गाजियाबाद से आए कैनटीन संचालक ने बताया कि किसानों की सेवा में मैने पिछले एक साल से अपनी पूड़ी बनाने की मशीन यहां लगाई थी लेकिन अब आंदोलन खत्म होने के बाद अब हम इसे अपनी कैनटीन में दोबारा से लगाएगें।
स्थानीय लोगों का सम्मान करेंगे किसान संघ
– किसान संघों ने उन स्थानीय लोगों का सम्मान करने का निर्णय किया है जिन्होंने दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर एक वर्ष से अधिक समय तक चले उनके विरोध प्रदर्शन के दौरान उनकी मदद की थी। किसान नेताओं ने कहा कि स्थानीय लोगों ने प्रदर्शनकारियों को विभिन्न तरीके से काफी मदद की। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की ओर से दी गई मदद में घरों से बिजली और पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराना शामिल था। उन्होंने कहा कि अब समय ऐसे लोगों के प्रति अपना आभार प्रकट करने और उनका सम्मान हम करेंगे।

किसानों के लिए चलाई जा रही केन्द्र की योजनाओं के प्रति जागरूक किया
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की जानकारी और केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं का लाभ व जागरूकता अभियान के तहत बीजेपी किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुधीर त्यागी ने किसानों के बीच जाकर केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों की जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी और प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि नए कानूनों को वापस लेने के बारे में बताया और 2022 तक किसानों की लागत से आय दोगुनी हो इसके लिए केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं का लाभ उठाने की बात कही। त्यागी ने कहा कि जितने भी किसान संगठन देश में आन्दोलन चला रहे है वो भी एक साथ मिलकर सभी प्रदेशों में गांव-गांव जाकर किसानों के बीच में पहुंच कर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए काम करने संकल्प लें। उन्होंने कहा कि अधिकांश किसान जानकारी के अभाव में केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा किसानों के हित में चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं ऐसे किसान देश के विभिन्न प्रदेशों जिलों कस्बों और गांवों में किसान कल्याण परिषद के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से संवाद कर जानकारी ले सकते हैं।