बेंगलुरु- केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर पार्टी के नेता राहुल गांधी से सवाल किया कि भारत की एकता को किसने नुकसान पहुंचाया कि विपक्षी दल को इस तरह का अभियान शुरू करना पड़ा। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार का परोक्ष रूप से संदर्भ देते हुए ईरानी ने कथित तौर पर भारत विरोधी नारेबाजी करने वाले लोगों को अपने साथ जोडऩे को लेकर भी राहुल की आलोचना की।ईरानी ने बेंगलुरु के डोड्डाबल्लापुरा में कहा, राहुल गांधी भारत को एकजुट करने की यात्रा पर हैं, लेकिन उन्हें पहले जवाब देना चाहिए कि भारत को तोडऩे का दुस्साहस किसने किया। आप एक ऐसे व्यक्ति को अपनी पार्टी का सदस्य बनाते हैं, जिसने भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह का नारा लगाया था। उन्होंने कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी के शासन के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित जन स्पंदन कार्यक्रम में यह कहा। ईरानी ने तमिलनाडु के कन्याकुमारी में राहुल द्वारा की गई उस टिप्पणी पर हैरानगी जताई, जिसमें कांग्रेस नेता ने कहा था कि लड़ाई अब पूरी राज्य व्यवस्था के खिलाफ है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था, भाजपा ने सरकारी संस्थानों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। सीबीआई और ईडी की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ गई है। आज हालात यह है कि हम सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी के खिलाफ नहीं लड़ रहे, बल्कि पूरी राज्य व्यवस्था से लड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा सदस्य ईरानी ने कहा, पूरी गंभीरता के साथ मैं यह राजद्रोह का आरोप लगा रही हूं। मैं राहुल गांधी के इस बयान से हैरान हूं कि वह पूरी राज्य व्यवस्था के खिलाफ लड़ रहे हैं। आपने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। मैं आपकी सत्ता की भूख से हैरान हूं। केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में कांग्रेस के शासन के दौरान मुंबई में एक आतंकवादी की कब्र का संगमरमर से सौंदर्ईकरण किया गया, जबकि वह हमलावर करीब 250 लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार था। ईरानी ने आरोप लगाया कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र कोविड-19 महामारी का मुकाबला कर रहा था और स्वदेशी टीका विकसित किया गया, उस वक्त कांग्रेस ने लोगों से ए टीके नहीं लगवाने की सलाह देते हुए झूठ फैलाया। केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि स्वतंत्रा सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर अनावरण किया जाना कांग्रेस को पसंद नहीं आया, क्योंकि पार्टी ने इस कदम का समर्थन करते हुए कोई बयान नहीं जारी किया।