पि छले कई वर्षों से मैनेजमेंट की पढ़ाई युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हुई है। यहां तक कि तकनीकी कोर्स कर चुके युवा भी मैनेजमेंट के गुर सीखने को काफी तरजीह दे रहे हैं। ऐसा इसलिए कि आज सभी छोटी-बड़ी कंपनियों को अपना बिजनेस संभालने के लिए ऐसे ही मैनेजमेंट के प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की जरूरत है। आप भी मैनेजमेंट का यह कोर्स 12वीं और ग्रेजुएशन के बाद कर सकते हैं।
12वीं के बाद कोर्स
’ बीबीए (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) : बीबीए यानी बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन एक अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है। यह कोर्स छात्रों को विभिन्न मैनेजमेंट सिद्धांतों में एक्सपर्ट बनाती है। कोर्स करने के बाद छात्र मार्केटिंग, एकाउंटिंग, फाइनेंस और इंटरनेशनल बिजनेस समेत विभिन्न क्षेत्र में जॉब पा सकते हैं। बीबीए में प्रवेश के लिए स्टूडेंट को किसी भी स्ट्रीम में 12 पास होना जरूरी है। लेकिन कुछ संस्थान 50 से 60 प्रतिशत अंक की भी मांग करते हैं। देश के कई संस्थानों में अभी यह कोर्स चल रहा है, जहां प्रवेश परीक्षा के आधार पर इसमें दाखिला दिया जाता है।
’ बीबीएस (बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज) : यह भी एक अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है। यह कोर्स करने के बाद स्टूडेंट किसी भी कॉरपोरेट सेक्टर की कंपनी में प्रबंधकीय लेवल की नौकरी अपने लिए तलाश सकते हैं। अंग्रेजी विषय तथा 60 प्रतिशत अंकों के साथ किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास स्टूडेंट इस कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत देश के कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यह कोर्स संचालित हो रहा है।
’ बीएमएस (बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज): बीबीए की तरह ही यह भी एक अंडरग्रेजुएट मैनेजमेंट कोर्स है। यह तीन साल की अवधि का कोर्स है। दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यह कोर्स संचालित हो रहा है, जिसमें किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास स्टूडेंट दाखिला सकते हैं। डीयू में इस कोर्स में दाखिले के लिए 12वीं में गणित और अंग्रेजी विषय होना अनिवार्य है। इस कोर्स में भी आमतौर पर प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही दाखिला दिया जाता है।
’ बीबीई (बैचलर ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स) : इस अंडरग्रेजुएट मैनेजमेंट कोर्स में भी 60 प्रतिशत अंकों से किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पास स्टूडेंट प्रवेश ले सकते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत देश के विभिन्न कॉलेजों में यह कोर्स संचालित हो रहा है, जहां प्रवेश परीक्षा के आधार पर छात्रों को कोर्स में प्रवेश दिया जाता है।
’ बीएफआइए (बैचलर ऑफ फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट ऐंड एनालिसिस) : 12वीं के बाद आप यह स्नातकस्तरीय प्रोफेशनल कोर्स भी कर सकते हैं। बीएमएस, बीबीई की तरह बीएफआइए में भी दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर दिया जाता है। दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत कई कॉलेजों में यह कोर्स ऑफर हो रहा है।
स्नातक के बाद कोर्स
’ एमबीए (फुलटाइम) : एमबीए यानी मैनेजमेंट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन को सीधे शब्दों में कहा जाए, तो यह किसी भी तरह के कारोबार को चलाने के गुर सिखाने वाला प्रोग्राम है। यह दो साल का फुलटाइम कोर्स है, जिसमें स्टूडेंट्स को मैनेजमेंट के सभी विषयों में निपुण बनाए जाने के साथ ही किसी एक सब्जेक्ट का एक्सपर्ट बनाया जाता है। एमबीए रेगुलर कोर्स में प्रवेश के लिए आट्र्स, कॉमर्स या विज्ञान विषयों में कम से कम 60 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएशन होना जरूरी है। इसके साथ इस मैनेजमेंट प्रोग्राम में दाखिला पाने के लिए जरूरी कैट, मैट, सीमैट, स्नैप या जेमेट जैसी प्रवेश परीक्षाओं को पास करना भी जरूरी होता है। क्योंकि आइआइएम समेत विभिन्न अच्छे बिजनेस संस्थानों में प्रवेश इन्हीं परीक्षाओं के स्कोर के आधार पर दिया जाता है।
’ एमबीए (एग्जीक्यूटिव) : एमबीए (एग्जीक्यूटिव) को हम कार्यकारी एमबीए के नाम से भी जानते हैं। यह एक स्नातकोत्तर स्तर का डिग्री कोर्स है, जो मुख्य रूप से वर्किंग प्रोफेशनल्स यानी अधिकारियों, प्रबंधकों, उद्यमियों और अन्य व्यापार जगत से जुड़े लोगों को शिक्षित करने के लिए बनाया गया है। इस पाठ्यक्रम को करने के लिए न्यूनतम पात्रता यह है कि उम्मीदवार को स्नातक होने के साथ ही काम का अनुभव भी होना चाहिए। यह एक से दो साल का कोर्स होता है।
’ पीजीडीबीएम (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस मैनेजमेंट) : यह एक पीजी डिप्लोमा कोर्स है। एआइसीटीई द्वारा अप्रूव पीजीडीबीएम या पीजीडीएम फुलटाइम कोर्स भी एमबीएम डिग्री के समकक्ष माना जाता है। इग्नू समेत देश के विभिन्न संस्थानों में यह कोर्स रेगुलर और दूरस्थ माध्यम से संचालित हो रहा है।
प्रमुख संस्थान
’ गंगा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, दिल्ली
www.gangainstitute.com