रांची- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता कपिल मिश्रा ने बुधवार को आरोप लगाया कि रांची पुलिस ने उन्हें बिरसा मुंडा हवाई अड्डे से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी तथा उन्हें लगभग पांच घंटे तक वहीं रोक कर रखा और अंतत: उन्हें हवाई अड्डे से ही वापस दिल्ली जाना पड़ा। मिश्रा 17 वर्षीय किशोर रूपेश कुमार पांडेय के परिजनों से मिलने हजारीबाग जाने के लिए आज सुबह रांची हवाई अड्डे पहुंचे थे जिसकी छह फरवरी को सरस्वती प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान बरही में झड़प के दौरान मौत हो गई थी। भाजपा नेता कपिल मिश्रा आज सुबह दिल्ली से हवाई मार्ग से रांची पहुंचे और जहां से उन्हें रुपेश पांडेय के परिजनों से मिलने हजारीबाग जाना था लेकिन रांची पुलिस ने कपिल मिश्रा को हवाई अड्डे से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी। कपिल मिश्रा को इस प्रकार रोकने की भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने कड़ी निंदा की और कहा कि वास्तव में लोकतंत्र की हत्या इसे कहते हैं। इस बारे में पूछे जाने पर रांची और राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मिश्रा ने अपना वीडियो ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा, चार घंटे से हिरासत में हूं। झारखंड सरकार ने मेरे हवाई अड्डे से बाहर निकलने और मीडिया से बात करने पर बैन लगा दिया है। मिश्रा ने कहा, डेढ़ हजार से अधिक लोगों ने 14 लाख रुपए से अधिक राशि पीड़ित परिवार के लिए इकट्ठा की है जिसे उनकी मां के खाते में भेजने की व्यवस्था की जा रही है। यह मैं पीड़ित परिवार को बताने जा रहा था। उन्होंने कहा, मैंने रुपेश की मां से वीडियो कॉल पर बातचीत की जिसमें उन्होंने कहा कि वह रुपेश की हत्या के बाद से लगातार 11 दिनों से अनशन पर हैं और उन्हें बस रुपेश के हत्यारों को फांसी पर चढ़ते देखना है। मिश्रा ने ट्वीट किया, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, एक शोक संतप्त परिवार के दरवाजे पर जाने से क्यों रोका जा रहा हैं  रुपेश पांडेय अगर तबरेज अंसारी होते तब भी किसी को नहीं जाने देते क्या कपिल मिश्रा ने आगे लिखा, हजारीबाग जाना तो दूर, एयरपोर्ट से निकलने से भी रोकना मुझे नहीं हत्यारों, अपराधियों को रोकिए। कपिल मिश्रा के इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए भाजपा विधायक दल के नेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने लिखा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, लोकतंत्र में आपके इस दमनात्मक कदम से झारखंड के बारे में देश-दुनिया में क्या मैसेज (संदेश) जाएगा? कम से कम इसकी तो चिंता कीजिए। आखिऱ आप किसी शोक संतप्त परिवार से मिलने जा रहे कपिल मिश्रा जी को किस वजह से रोक रहे हैं? यह आपको बताना चाहिए। हजारीबाग में सरस्वती पूजा के बाद प्रतिमा विसर्जन के लिए छह फरवरी को निकले जुलूस में शामिल 17 वर्षीय किशोर रुपेश पांडेय की एक झड़प के दौरान मौत हो गई थी। हालांकि हजारीबाग के पुलिस अधीक्ष मनोज रतन चौथे ने रुपेश की हत्या को परस्पर दुश्मनी से जुड़ी घटना बताया था और दावा किया था कि इस घटना का सरस्वती पूजा और उसके विसर्जन जुलूस से कोई लेना-देना नहीं था। हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक मनोज रतन  ने  बताया था कि हजारीबाग में बरही के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नजीर अख्तर के नेतृत्व में सात सदस्ईय विशेष जांच दल का गठन किया गया है जो पूरे मामले की जांच कर शीघ्र अपनी रिपोर्ट सौंपेगा जिसके आधार पर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्वाई की जाएगी। मनोज रतन चौथे ने बताया था कि इस मामले में कुल तीन प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं जिनकी शीघ्र जांच संपन्न करने के निर्देश दल को दिए गए हैं। उन्होंने बताया था कि इस घटना में मारे गए किशोर रुपेश पांडेय के चचेरे भाई द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में 27 नामजद लोगों में से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि शेष 23 लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।भाजपा, विश्व हिंदू परिषद एवं अनेक अन्य संगठनों ने इस घटना की निंदा की थी और हजारीबाग तथा आसपास के जिलों में सडक़ों पर उतर कर दोषियों की गिरफ्तारी और उन्हें सख्त सजा दिए जाने की मांग की थी। हालांकि प्रशासन ने न सिर्फ हजारीबाग बल्कि आसपास के भी चार जिलों में इंटरनेट सेवाएं 36 घंटों के लिए बंद कर दी थीं और रुपेश के परिजनों से लोगों की मुलाकात तक पर रोक लगा दी। बाद में राज्य सरकार ने दस फरवरी को घटना और उसके बाद भडक़े सांप्रदायिक तनाव के मामलों की जांच के लिए सात सदस्ईय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। साथ ही इस दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से सामाजिक वैमनस्य फैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ भी 15 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।