गुरुवार को संगम विहार के हमदर्द के पास पुलिस को यात्रियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा। दरअसल, सुबह करीब 8 बजे यहां हर रोज की तरह यात्रियों की संख्या बढ़ती गई। काफी देर तक जब यात्रियों को बसों में बैठने का मौका नहीं मिला तो परेशान होकर उन्होंने सडक़ों पर जाम लगा दिया। साथ ही यात्री और बस मार्शल के बीच तीखी झड़प भी शुरू हो गई। काफी देर तक यह मामला चलता रहा। इसी दौरान मौके पर पुलिस भी पहुंच गई और उन्होंने बल का प्रयोग कर यात्रियों को मौके से हटाया। इसपर गुस्साए लोगों ने कई बसों में तोडफ़ोड़ भी कर दी। यहां मौजूद एक यात्री ने बताया कि लोग सुबह से बसों का इंतजार कर रहे थे, लेकिन बसों में 17 यात्री होने के कारण कोई बस नहीं रुकी जिससे सभी परेशान हो गए। बाद में जब लोगों ने प्रदर्शन किया तो पुलिस उन्हें उठाकर हवालात ले गई। वहीं एक महिला ने बताया कि वह सुबह 6:30 बजे से बस स्टॉप पर खड़ी थी, लेकिन साढ़े 8 बजे तक भी उन्हें बस में चढऩे का मौका नहीं मिला। ऐसे में वह समय पर दफ्तर कैसे पहुंचेगी। वहीं निजी वाहन वाले ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं। वहीं इस घटना के संबंध में दक्षिण जिले की डीएम ने बताया कि पुलिस द्वारा सूचना दी गई कि सुबह करीब साढ़े आठ बजे पुलिस कॉल मिली थी। इसमें बताया गया कि कुछ लोगों ने जामिया हमदर्द, एमबी रोड को जाम कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और वहां से लोगों को हटाया। यहां पर कुछ लोग सडक़ पर ही बैठकर प्रदर्शन करने लगे थे। जब उन्हें समझाया गया तो उन्होंने 4-5 बसों को नुकसान पहुंचाया। ऐसे में उन्हें रोकने के लिए लेडी पुलिस को भी बुलानी पड़ी। पुलिस ने किसी पर लाठी चार्ज नहीं किया। इस घटना में एक पुलिस कर्मी घायल हुआ है। पुलिस इस मामले में विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई कर रही है।
बसों में 17 यात्रियों को बैठने के फैसले के बाद महिलाओं को ज्यादा समस्या हो रही है। महिलाओं का आरोप है कि बस वाले महिलाओं को देखकर बस रोकते ही नहीं है। उनका आरोप है कि महिलाएं फ्री में सफर करती हंै, यही कारण है कि वह पहले पुरुषों को बैठाते हैं, जबकि पहले महिलाओं को बैठाया जाना चाहिए। वहीं अन्य लोगों ने कहा कि पीक आवर के दौरान बसों में यात्रियों की संख्या को बढ़ाना चाहिए। सभी लोग 17 यात्री के नियम से परेशान हो गए हैं।
डीडीएमए के नए नियमों के बाद दिल्ली मेट्रो के लगभग सभी मेट्रो स्टेशनों के बाहर 500 से एक किलोमीटर लंबी लाइनें लग रही है। सबसे ज्यादा समस्या पीक आवर के दौरान आ रही है। मेट्रो से सफर करने वाले यात्रियों का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए केवल मेट्रा के अंदर ही भीड़ को रोकने से काम नहीं चलेगा, बल्कि मेट्रो स्टेशन के बाहर भी भीड़ को काबू करना होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सभी स्टेशनों पर सुबह घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। यहां भारी भीड़ हो रही है। यदि इनमें कोई एक भी संक्रमित होता है तो सभी उसकी चपेट में आते हैं। भीड़ के कारण स्टेशन के बाहर सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ रही है। यात्रियों ने कहा कि दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन की सुविधा ही नहीं है। मेट्रो ही सबका सहारा है ऐसे में मेट्रो ट्रेनों को बढ़ाना चाहिए जिससे ज्यादा यात्रियों को मौका मिल सके।