दिल्ली एनसीआर – एमिटी स्कूल ऑफ फॉरेन लैंग्वेजेज के सहयोग से फ्रेंच इंस्टीट्यूट इन इंडिया ने आज एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा के साथ साझेदारी में अपने वार्षिक ‘फ्रेंच लैंग्वेज टीचर ट्रेनिंग’ प्रोग्राम की शुरुआत की। फ्रांस और भारत के छह विशेषज्ञ प्रशिक्षक इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में प्रतिभागियों के साथ अपना ज्ञान साझा करेंगे।27 से 31 मई, 2024 तक, यूनिवर्सिटी पेडागोगिक रीजनेल इंडे 2024 कार्यक्रम भारत और उसके पड़ोसी देशों श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान सहित 86 से अधिक फ्रेंच भाषा शिक्षकों को प्रशिक्षित करेगा। इसका उद्देश्य इन संस्थानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, स्कूलों, विश्वविद्यालयों और एलायंस फ्रांसेस में फ्रेंच के शिक्षण संदर्भों के अनुरूप शैक्षणिक प्रशिक्षण प्रदान करना है।फ्रांस के दूतावास के शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के सलाहकार, श्री इमैनुएल लेब्रून-डेमियंस और एमिटी विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के कुलपति, प्रोफेसर (डॉ.) बलविंदर शुक्ला की उपस्थिति में उद्घाटन समारोह का आयोजन संपन्न हुआ।श्री इमैनुएल लेब्रून-डेमियंस ने कहा,इंटरनेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम भारत में फ्रेंच भाषा के शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा ऑन-साइट प्रशिक्षण कार्यक्रम है। अनूठे फ्रेंको-भारतीय सहयोग की बात करें तो, जहां फ्रांस 2030 तक 30,000 भारतीय छात्रों को इसमें शामिल करना चाहता है, इस बैठक से बेहतर कुछ नहीं हो सकता है। इसका उद्देश्य है अधिक से अधिक शिक्षकों की क्षमताओं को सुदृढ़ करना ताकि भारतीय युवा अंतरराष्ट्रीय स्तर के अध्ययन के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो सकें। साथ ही इसका उद्देश्य है उन्हें ऐसे अवसर प्रदान करना जो उन्हें व्यावसायिक रूप से खुद को तराशने का मौका दे सकें! प्रोफेसर (डॉ.) बलविंदर शुक्ला ने कहा,मैं इस अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण पहल का पूरे दिल से स्वागत व समर्थन करता हूं, जो शिक्षकों को उत्कृष्टता और अंतर-सांस्कृतिक समझ के साथ फ्रेंच भाषा की शिक्षा को उन्नत बनाने के लिए सशक्त बनाता है। यह कार्यक्रम का नौवां संस्करण है जिसे आईएफआई 2015 से चला रहा है। प्रत्येक प्रतिभागी एक सप्ताह के दौरान 30 घंटे के प्रशिक्षण (2 x 15-घंटे के मॉड्यूल) में भाग लेगा। यह प्रशिक्षण शिक्षण पद्धति के विशेष पहलुओं पर केंद्रित होगा।विशिष्ट उद्देश्यों के लिए फ्रेंच पढ़ाना फ्रेंच फॉर स्पेसेफिक पर्पसेज (एफएसपी), शिक्षार्थियों के मूल्यांकन और उन्हें प्रेरित करने के लिए कक्षा में भाषाओं के संदर्भ के सामान्य यूरोपीय ढांचे कॉमन यूरोपियन फ्रेमवर्क ऑफ रेफ्रेंस फॉर लैंग्वेजेस (सीईएफआर) को लागू करना, बड़े समूहों के लिए शिक्षाशास्त्र और भाषा की कक्षाओं में विभिन्न निर्देश, एफएलई पाठ्यपुस्तक का पूर्ण उपयोग: रणनीतियां और तकनीक, शैक्षणिक उपकरण के रूप में रचनात्मक लेखन, फ्रेंच भाषा सीखने के मुख्य पहलू के रूप में फ्रैंकोफोनी को रखना, कुछ ऐसे विषय हैं जिन्हें ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल किया जाएगा। समकालीन शिक्षण पद्धतियों में अपनी विशेषज्ञता को और तराशने व अपनी शिक्षण तकनीकों में सुधार करने का फ्रेंच भाषा के प्रशिक्षकों के लिए यह एक शानदार अवसर है।