साहित्य अकादेमी द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला साहित्योत्सव इस वर्ष 10 मार्च से 15 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है। भारत की आजादी के 75 वर्ष होने पर इस वर्ष का साहित्योत्सव आजादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित रहेगा। साहित्योत्सव में देश के कोने-कोने से विभिन्न भारतीय भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 225 लेखक और विद्वान विविध कार्यक्रमों में भागीदारी करेंगे। उत्सव का आरंभ अकादेमी की वर्षभर की गतिविधियों को प्रदर्शित करने वाली अकादेमी प्रदर्शनी से होगा,जिसका उद्घाटन संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल,10 मार्च 2022 को पूर्वाह्न 10.00 बजे रवींद्र भवन परिसर, नई दिल्ली में करेंगे।
इसी दिन युवा भारत का उदय शीर्षक से युवा लेखक सम्मिलन भी पूर्वाह्न 10.30 बजे प्रारंभ होगा, जिसका उद्घाटन वक्तव्य साहित्य अकादेमी के सामान्य परिषद सदस्य, येशे दरजे थोंगछी देंगे। इसी दिन अपराह्न 2.30 बजे भारतीय भाषाओं में प्रकाशन की स्थिति विषय पर परिचर्चा आयोजित की जाएगी, जिसके विशिष्ट अतिथि प्रख्यात मराठी लेखक रंगनाथ पठारे होंगे। समारोह का मुख्य आकर्षण साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2021 अर्पण समारोह कमानी सभागार, नई दिल्ली में 11 मार्च 2022 को सायं 5.00 बजे होगा और उसके मुख्य अतिथि प्रतिष्ठित मराठी लेखक, कवि एवं आलोचक भालचंद्र नेमाडे होंगे। इसी दिन 24 भारतीय भाषाओं के पुरस्कृत लेखक को पूर्वाह्न 10.30 बजे अपने रचनात्मक अनुभव मीडिया से साझा करेंगे।
इसी दिन पूर्वाह्न 10.00 बजे आदिवासी लेखक सम्मिलन आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन वक्तव्य बाल्टी भाषा के प्रख्यात कवि अखोन असर अली बशारत देंगे।12 मार्च को साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2021 विजेता लेखक सम्मिलन के अंतर्गत अपने रचनात्मक अनुभव श्रोताओं से साझा करेंगे। इसी दिन असमिया, बाङ्ला, गुजराती, हिंदी, तमिऴ एवं तेलुगु भाषा के लिए पुरस्कृत लेखक आमने-सामने कार्यक्रम में प्रतिष्ठित साहित्यकारो ंविद्वानों से बातचीत करेंगे। अपराह्न 2.30 बजे 1947 के बाद भारत में नाटक का विकास विषय पर एक परिसंवाद आयोजित किया गया है, जिसका उद्घाटन वक्तव्य प्रख्यात रंगव्यक्तित्व भानु भारती करेंगे।
परिसंवाद की अध्यक्षता साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष चंद्रशेखर कंबार करेंगे। साहित्योत्सव में प्रतिष्ठित संवत्सर व्याख्यान देश के लब्धप्रतिष्ठ अंग्रेजी लेखक शशि थरूर द्वारा दिया जाएगा। इस वर्ष त्रि-द्विवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय ष्भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर साहित्य का प्रभाव है, जिसका उद्घाटन भाषण प्रख्यात हिंदी कवि एवं साहित्य अकादेमी के महत्तर सदस्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी देंगे और बीज वक्तव्य प्रख्यात अंग्रेजी लेखक एवं अनुवादक हरीश त्रिवेदी द्वारा दिया जाएगा।
इसमें पूरे देश से लगभग 40 लेखक विद्वान भाग ले रहे हैं। यह संगोष्ठी 13 मार्च को पूर्वाह्न 10.30 बजे से प्रारंभ होगी। अन्य कार्यक्रमों में पूर्वोत्तरी,उत्तर-पूर्वी और उत्तरी लेखक सम्मिलन,भारतीय भाषाओं में फैंटेसी और साइंस फिक्शन लेखन,मीडिया और साहित्य एवं साहित्य एवं स्त्री सशक्तिकरण कार्यक्रम भी साहित्योत्सव के मुख्य आकर्षण होंगे। पिछले वर्ष की भाँंति इस साहित्योत्सव में भी ष्ट्रांसजेंडर कवि सम्मिलन,14 मार्च को अपराह्न 2.30 बजे आयोजित होगा। इस कवि सम्मिलन में पूरे देश से ट्रांसजेंडर समूह के सदस्य के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले 14 कवियों को आमंत्रित किया गया है। इसके मुख्य अतिथि प्रख्यात गुजराती कवि एवं आलोचक विनोद जोशी होंगे। इस बार अकादेमी की पुस्तक प्रदर्शनी सुबह 10 बजे से सायं 7 बजे तक प्रतिदिन होगी और पुस्तकें बिक्री के लिए 20 प्रतिशत की विशेष छूट पर उपलब्ध होंगी। सभी कार्यक्रम, रवींद्र भवन परिसर में आयोजित होंगे।