नई दिल्ली- केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल अंतर को भरने पर हमेशा अपने विचार व्यक्त किए हैं। भारतीय आदिवासी समुदाय को डिजिटल रूप से सशक्त बनाकर देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकेगा। यह आदिवासी नेताओं को उभारने की दिशामें एक महत्वपूर्ण कदम है। गोल के पहले चरण में हमने डिजिटल संरक्षण के कार्यक्रम से आदिवासी युवाओं की जिंदगी को बदला था। दूसरे चरण में हम 10 लाख महिलाओं और युवा उद्यमियों तक पहुंचेंगे। जनजातीय समुदायों द्वारा बनाए गए प्रॉडक्ट्स को दुनिया भर के बाजारों तक पहुंचाने के लिए ट्राईफेड संग साझेदारी से 50,000 से ज्यादा स्वयंसेवी समूहों और 10 लाख परिवारों के लिए एक प्लेटफॉर्मबनाया जाएगा। आदिवासी समुदायों के लिए डिजिटल सशक्तिकरण की महत्ता पर अपने विचारों को साझा करते हुए फेसबुक इंडिया मेटा के वाइस प्रेसिडेंट और प्रबंध निदेशक अजीत मोहन ने कहा भारत में बड़े पैमानेपर होने वाला डिजिटल बदलाव तभी पूरा होगा,जब हमारे समाज के सबसे संवेदनशील समुदाय को डिजिटल कौशल से लैस कर सशक्त बनाया जाएगा। हम अपने आदिवासी नेताओं की कुछ कहानियों से काफी प्रभावित हुए थे। जनजातीय मामलों के मंत्रालय की राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता ने बताया हमने गोल की पायलट परियोजना में सफलता की काफी शानदार मिसाल देखी है। गोल की पायलट परियोजना को 2020 में लॉन्च किया गया था। आदिवासी और स्वदेशी समुदायों की महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण में इस कार्यक्रम की क्षमता ने हमें काफी गहराई से प्रेरित किया है।