पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में शनिवार की सुबह आग लगने से कोविड-19 के एक बुजुर्ग मरीज की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि मृतका का नाम संध्या मंडल (60) है और वह अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती थीं जहां तडक़े साढ़े चार बजे आग लगी। अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि वार्ड के अन्य मरीज सुरक्षित हैं और उन्हें समय रहते दूसरे वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया। सूत्रों ने कहा कि अग्निशमन कर्मियों के आने से पहले अस्पताल प्राधिकारियों ने आग बुझा दी थी। मंडल के एक रिश्तेदार ने दावा किया कि अचानक आग लगने पर संध्या ने मदद के लिए आवाज लगाई थी लेकिन किसी ने उनकी गुहार नहीं सुनी।
अस्पताल के अधीक्षक तापस कुमार घोष ने कहा कि आग लगने के कारण का पता लगाने के लिए पांच सदस्ईय एक दल का गठन किया गया है। इस बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य के अस्पताल मरीजों के लिए मृत्युजाल बन गए हैं। उन्होंने घटना की जांच की मांग की। नंदीग्राम से विधायक से ट्वीट किया, सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की सुरक्षा के प्रति पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य मंत्री की उदासीनता इस तथ्य से पता चलती है कि आग लगने की घटनाएं आम बात हो गई हैं। अस्पताल लाक्षागृह की तरह मरीजों के लिए मृत्युजाल बन गए हैं। अधिकारी ने मृतका के परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा देने की भी मांग उठाई। अधिकारी के बयान पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने कहा कि राज्य सरकार ने लोगों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया है जो पिछली सरकारों में नदारद थी। रॉय ने कहा, भाजपा को यह बताना चाहिए कि उसके शासन वाले राज्यों में कोविड अस्पतालों में क्या हो रहा है। वर्द्धमान की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन भाजपा को इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।