सरकार के तुगलकी रवैये से व्यापारियों की टूट गई कमर : नेता प्रतिपक्ष

नई दिल्ली- दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार एक बार फिर कोरोना के खिलाफ  जंग में फेल होती नजर आ रही है। दिल्ली सरकार सिर्फ अस्पतालों में दाखिल मरीजों की कम संख्या को ही अपना टारगेट बनाए हुए हैं जबकि उसकी जिम्मेदारी कोरोना फैलने से रोकना है। अब कम टेस्ट करके वह दिखाने की कोशिश कर रही है कि दिल्ली में कोराना के मरीज घट रहे हैं। बिधू?ी ने कहा है कि अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि दिल्ली में सरकारी टेस्ट सेंटर्स बंद किए जा रहे हैं या फिर वहां से मरीजों को लौटाया जा रहा है। टेस्ट कम करने का खेल सिर्फ  मरीजों की संख्या कम दिखाने के लिए किया जा रहा है और इसका भयानक नतीजा सामने आता है। नेता प्रतिपक्ष ने पिछले छह दिनों के टेस्टों की संख्या को सबूत के रूप में पेश करते हुए कहा है कि जब 9 जनवरी को 22751 नए मरीज आए थे तो 96 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए लेकिन 14 जनवरी को जब 24383 मरीज आए तो टेस्ट घटकर 79 हजार रह गए। 9 जनवरी को संक्रामक दर 23 फीसदी थी जबकि 14 जनवरी को 30 फीसदी से ज्यादा थी।

14 जनवरी को टेस्ट नहीं घटाए जाते और एक लाख टेस्ट होते तो मरीजों की संख्या 30 हजार से ऊपर होती। सरकार टेस्ट घटाकर कागजों पर कोरोना पर काबू पाने का ढोंग रच रही है। बिधूड़ी ने कहा कि आज लोग केमिस्टों से सेल्फ टेस्ट किट लेकर खुद ही टेस्ट कर रहे हैं। सरकार ने ऐसा कोई इंतजाम नहीं किया कि सेल्फ किट लेने वालों का अता-पता केमिस्टों के पास हो ताकि पता रहे कि जिस व्यक्ति ने सेल्फ टेस्ट किट ली है, उसकी टेस्ट रिपोर्ट क्या है। दिल्ली के केमिस्ट रोजाना हजारों किट बेच रहे हैं और जाहिर है कि हजारों और मरीज पॉजिटिव मिल सकते हैं लेकिन वे सरकार के रिकॉर्ड में नहीं हैं। उनके कारण संक्रमण कितना फैल रहा है, इसका भी कोई अंदाजा नहीं है। इस्तेमाल में लाई गई सेल्फ टेस्ट किट को नष्ट करने या उसके निपटान का भी सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किया। प्रयोग की गई इन किट्स से भी संक्रमण फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बार-बार कह रहे हैं कि दिल्ली में कोरोना काबू में है क्योंकि अस्पतालों में बेड खाली पड़े हैं। सरकार सिर्फ  उसी हालत में ही कोरोना को घातक मानती है जब मरीज अस्पतालों में आकर दाखिल हों। सवाल यह है कि सरकार ने कोरोना फैलने से रोकने के लिए क्या उपाय किए हैं।