नई दिल्ली- हर साल फंड न मिलने का रोना रोने वाली भाजपा शासित एमसीडी दिल्ली सरकार से 221.56 करोड़ रुपए मिलने के बावजूद मात्र 141.45 करोड़ ही खर्च कर पाई। दिल्ली हाई कोर्ट की बार-बार फटकार के बावजूद एमसीडी ने डेंगू की रोकथाम को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। हाई कोर्ट ने कहा कि एमसीडी की सारी कार्रवाई सिर्फ कागजों पर है। यह कहना है आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज का। बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अपने निकम्मेपन और भ्रष्टाचार के कारण भाजपा एमसीडी में फेल हुई है।
जनता चाहती है कि अब एमसीडी भाजपा के चंगुल से आजाद हो। भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के अंदर प्राइमरी हेल्थकेयर और पब्लिक हेल्थकेयर सीधा-सीधा दिल्ली नगर निगम के अधीन आता है। चाहे डिस्पेंसरी का काम हो, चाहे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की रोकथाम हो, चाहे मच्छरों की ब्रीडिंग रोकने के लिए डीबीसी की नियुक्ति हो और चाहे फॉगिंग हो, यहा सारा का सारा काम दिल्ली नगर निगम के आधीन आता है।
पिछले दो महीनों में हमने देखा कि दिल्ली में डेंगू काफी फैला। बहुत लोग उससे ग्रस्त हुए जिसके लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने बार-बार एमसीडी की खिचाई की और डेंगू लेकर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि जब-जब हमने निगम से इसपर सवाल उठाया तो दिल्ली नगर निगम में शासित भाजपा के नेताओं ने अखबार में एक बयान दिया कि सरकार हमें पैसे नहीं दे रहा इस कारण से हम दिल्ली में डेंगू की रोकथाम नहीं कर पा रहे हैं।
हालांकि, आम आदमी पार्टी ने साफ कहा था कि निगम को पूरे पैसे दिए जा रहे हैं लेकिन हर बार उनके बयान यही छपे कि उन्हें सरकार से पैसे नहीं मिल रहे हैं। आप प्रवक्ता कहा कहना है कि इतना पैसा मिलने के बाद भी भाजपा के झूठ का यह आलम था कि दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष और एमसीडी के नेता बार-बार कहते रहे कि सरकार ने हमें पैसा नहीं दिया। जबकि असल में इन 5 सालों में जिस मद में इन्हें जो पैसा दिया है उसके अनुसार पिछले 5 सालों में 221.56 करोड़ रुपए दिल्ली सरकार ने दिए, जिसमें से इन्होंने मात्र 141.45 करोड़ रुपए ही खर्च किए। यानी कि यह लोग लगभग आधा पैसा ही खर्च कर पाए। तो सिर्फ और सिर्फ निकम्मेपन के कारण और भ्रष्टाचार के कारण एमसीडी दिल्ली में फेल है। दिल्ली के लोग चाहते हैं कि एमसीडी भी भाजपा के चंगुल से आजाद हो सके और एमसीडी में यह सभी काम अच्छे से हो सकें।