नई दिल्ली – आम आदमी पार्टी का जब भी ज़िक्र होगा, अखिलेश पति त्रिपाठी का नाम सबसे ऊपर आएगा। यह वही व्यक्ति हैं, जो एक छोटे से गांव-कस्बे से दिल्ली में आईएएस बनने का सपना लेकर आए थे। शुरूआती दिनों में झुग्गियों में रहने वाले अखिलेश त्रिपाठी आज अखिलेश पति त्रिपाठी बन गए हैं। सवाल यह है कि ऐसा क्या हुआ, जो एक आम आदमी पार्टी का साधारण कार्यकर्ता अब विवादों का केंद्र बन गया?2013-14 के समय की बात करें, जब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में कदम रखा था। मॉडल टाउन क्षेत्र में पार्टी के संस्थापक और मुखिया अरविंद केजरीवाल की नजर अखिलेश त्रिपाठी पर पड़ी। उन्होंने स्थानीय लोगों से पूछा, “क्या इन्हें टिकट दिया जाए?” लोगों ने समर्थन दिया और कहा, “यह हमारे बीच का व्यक्ति है, इसे टिकट जरूर दीजिए।” अरविंद केजरीवाल ने जनता की राय का सम्मान करते हुए अखिलेश को टिकट दिया।शुरुआती दिनों में अखिलेश ने मॉडल टाउन के लिए काम भी किया। लेकिन धीरे-धीरे सत्ता और पैसे की भूख उनकी प्राथमिकता बन गई। समय के साथ मारपीट, 90 लाख रुपये की वसूली जैसे गंभीर आरोप उन पर लगने लगे। एक आम व्यक्ति से लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं तक से दुर्व्यवहार और हिंसा के मामले सामने आए।हाल ही में यह भी सामने आया है कि अखिलेश ने कई लोगों से पैसे उधार लिए और उन्हें वापस नहीं लौटाया। झुग्गियों में रहने वाले अखिलेश त्रिपाठी के पास आज करोड़ों की संपत्ति कहां से आई? यह सवाल न केवल उनके समर्थकों बल्कि पार्टी के लिए भी बड़ा मुद्दा बन गया है।सवाल यह है कि क्या आम आदमी पार्टी उन्हें दोबारा टिकट देगी? अगर हां, तो इसका कारण क्या होगा? क्या यह उनके बड़े नेताओं के साथ संबंधों का नतीजा होगा, या फिर पैसे और सत्ता के दम पर अर्जित ताकत का?आम आदमी पार्टी और अखिलेश पति त्रिपाठी का यह सफर एक ऐसी कहानी बन गया है, जिसमें सवाल अधिक और जवाब कम हैं। आने वाले समय में देखना होगा कि पार्टी इन आरोपों को कैसे संबोधित करती है।

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