नई दिल्ली- उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने सोमवार को उत्तर रेलवे के विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों के साथ वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक में उत्तर रेलवे की कार्य-प्रगति की समीक्षा की। बैठक में संरक्षा,गतिशीलता में वृद्धि, समय पालन बद्धता और मालभाड़ा व्यापार पर विचार-विमर्श किया गया। संरक्षा उत्तर रेलवे की प्राथमिकता है । महाप्रबंधक ने पिछले सप्ताह हुई विभिन्न घटनाओं पर चर्चा की । पटरियों और वैल्डों की दरारों, समपरों, यार्डों में अवपथन की घटनाओं और ओएचई की विफलताओं पर विस्तार से चर्चा की गयी। फरवरी 2022 तक 688.55 किलोमीटर सेक्शनों में गतिसीमा को बढ़ाया गया और 433.31 किलोमीटर लूप लाइनों में गतिसीमा को 30 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाया गया। नई दिल्ली-मुम्बई और नई दिल्ली-हावड़ा रेल मार्गों पर गतिसीमा को 160 किलोमीटर प्रति घंटा के स्तर को छुआ गया। जोन का वर्तमान समय पालनबद्धता का औसत 85 प्रतिशत रहा । मेल,एक्सप्रेस रेलगाडिय़ों की समय पालनबद्धता को बेहतर बनाने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई। बेहद कठिन जलंधर,पठानकोट,जम्मूतवी, कठुआ.माधोपुर सेक्शन, उतरेटिया-रायबरेली और रायबरेली-अमेठी तथा आलमनगर.उतरेटिया, रोजा-सीतापुर,जौनपुर.अकबरपुर, बाराबंकी-अकबरपुर और राजपुरा-बठिंडा की परियोजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया। स्टेशनों, फुट-ओवर.ब्रिजों, प्लेटफॉर्मों के लेवल और शेल्टरों को बढ़ाने जैसे विषयों को भी बैठक में उठाया गया । महाप्रबंधक ने लोको, कोचों और वैगनों की अनुरक्षण स्थितियों पर और उनके समय से टर्न-अराउंड पर भी बातचीत की। इसके अलावा बैठक में कर्मचारी मामलों, प्रशिक्षण,मेंटेनेंस और नियुक्तियों इत्यादी विषयों पर भी चर्चा की गई।