नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हाल ही में पेश आम बजट में समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ है। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार द्वारा पेश किए गए हर बजट में गरीबों के हित केंद्र में रहे हैं।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा एक फरवरी को बजट पेश किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल की पहली बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कोई भी इसे चुनावी बजट नहीं कह रहा है, जबकि यह अगले साल के लोकसभा चुनाव से पहले अंतिम पूर्ण बजट था।उन्होंने कहा कि समग्र विकास और समाज के हर वर्ग के हितों ने बजट प्रस्तावों को प्रेरित किया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोदी के भाषण का हवाला देते हुए पत्रकारों से कहा कि यहां तक कि जो लोग वैचारिक रूप से भाजपा के विरोधी रहे हैं, उन्होंने भी बजट का स्वागत किया है।सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से गरीब और मध्यम वर्ग सहित अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को बजट के संबंधित पहलुओं के बारे में सूचित करने का आह्वान किया। उनके मुताबिक ऐसा करते हुए मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने चुनावी अनुभवों को याद किया और कहा कि जब काम को लोगों द्वारा मान्यता दी जाती है, तो सत्ता विरोधी लहर जैसी कोई चीज नहीं होती है।बजट की व्यापक स्वीकार्यता को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी-कभी केवल 25 मेहमानों के पारिवारिक समारोह में हर किसी की पसंद को पूरा करना मुश्किल होता है, लेकिन बजट प्रस्ताव 130 करोड़ से अधिक लोगों के देश में समाज के विभिन्न वर्गों की अपेक्षाओं को पूरा करने में कामयाब रहे हैं।मोदी ने वर्षों से बजट के साथ अपनी भागीदारी को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि वह 2001 से 2014 के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री सहित करीब 25 बजट से जुड़े रहे हैं।प्रधानमंत्री ने सांसदों, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों के सांसदों से खेल कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए भी कहा क्योंकि ऐसा देखा गया है कि शहर के युवा खेलों में ज्यादा हिस्सा नहीं ले रहे हैं।मोदी ने सांसदों से बार-बार खेल बैठकें आयोजित करने के लिए कहा है।मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत ने अब तक विभिन्न स्थानों पर जी-20 से संबंधित करीब 20 बैठकों का आयोजन किया है और विदेशी मेहमानों ने देश में उनके आवभगत की सराहना की है।उन्होंने तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बारे में भी बात की और कहा कि भारत हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा है।मोदी ने गुजरात में 2001 में आए भूकंप को भी याद किया और त्रासदी के पैमाने को रेखांकित किया।