प्रोजेक्ट ‘मुस्कान’ के तहत प्रभा खेतान फाउंडेशन और एजुकेशन फॉर ऑल ट्रस्ट एवं श्री सीमेंट की तरफ से संयुक्त तत्वाधान में पूरे भारत में हजारों छात्रों को लेकर एक परियोजना की शुरुआत की गयी है। इसके तहत कहानी सुनाना, नृत्य, संगीत, कठपुतली, रंगमंच और कला के रुप में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये भारतीय विरासत, साहित्य और संस्कृति के बारे में विस्तृत जानकारी देकर इसके प्रति बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न करायी जाएगी । इस परियोजना के जरिये जरूरतमंद बच्चों में पौष्टिक भोजन और बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जायेगी।
मुस्कान के विभिन्न प्रोजेक्ट के साथ अबतक देशभर में 100 से अधिक स्कूल जुड़े हुए हैं। मुस्कान ने रस्किन बॉन्ड और सुधा मूर्ति जैसे प्रख्यात भारतीय लेखकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़कर भारतीय साहित्य और इसकी सांस्कृतिक विरासत को लेकर एक इंटरैक्टिव सत्र शुरू किया है। स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों के अंतर्राज्यीय नेटवर्क के सहयोग से आयोजित इन सत्र में प्रदर्शन कलाओं को स्कूल के विस्तृत पाठ्यक्रम में जोड़ा गया है, जिसकी मदद से प्रतिभाशाली छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने में मदद मिलती है।
प्रोजेक्ट मुस्कान एवं प्रभा खेतान फाउंडेशन के प्रमुख, सांस्कृतिकार एवं समाजसेवी संदीप भूतोरिया ने कहा: भारतीय साहित्यिक और सांस्कृतिक जगत इतना विशाल है कि किसी भी पाठ्यक्रम के लिए इसे पूरी तरह से कवर करना असंभव है। हम, बच्चों और छात्रों के रूप में, हमारी समृद्ध भारतीय विरासत के कई पहलुओं से चूक गए हैं। प्रोजेक्ट मुस्कान इस अंतर को एक चंचल और मनोरंजक तरीके से बच्चों के मन में उतारने का एक प्रयास है। मुस्कान छात्रों की विभिन्न जरूरतों और मुद्दों को समझकर इसका समाधान करती है। हम श्री सीमेंट एवं उनकी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल के एक हिस्से के रूप में मुस्कान परियोजना का समर्थन करने के लिए तहे दिल से आभारी हैं। जो जरूरतमंद छात्रों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक गैर-लाभकारी संगठन के तौर पर सभी ट्रस्ट के जरिये बच्चों में शिक्षा प्रसार का प्रयास करते रहते हैं।
श्री एच एम बांगड़ (प्रबंध निदेशक, श्री सीमेंट) ने कहा: श्री सीमेंट ने इसके पहले पिछले कुछ वर्षों में अपनी सीएसआर पहल के तहत एक हिस्से की राशि महिला सशक्तिकरण, बुजुर्गों की मदद, शिक्षा और कौशल विकास के प्रसार, शहीदों के परिवार का समर्थन करने आदि के लिए खर्च कर कई पहल की शुरुआत की हैं। मुस्कान प्रोजेक्ट, छात्रों की मदद करने और हमारी समृद्ध भारतीय विरासत और संस्कृति के बारे में जागरूकता फैलाने का एक और शानदार अवसर है।
सुमित्रा रे (छात्र कार्यक्रम सलाहकार, प्रभा खेतान फाउंडेशन) ने कहा: मुस्कान प्रोजेक्ट, भारत की नई शिक्षा नीति के अनुरूप है और इसका उद्देश्य आधुनिक शैक्षणिक पाठ्यक्रम के अनुसार पाठ्य पुस्तकों से परे हमारी समृद्ध भारतीय विरासत को बढ़ावा देना और इसके प्रति छात्रों के मन में जिज्ञासा पैदा करना है। छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखकर मुस्कान प्रोजेक्ट के तहत परीक्षा से पहले तनाव कम करने के तरीके, प्रेरक वार्तालाप, कैरियर सुझाव और सार्वजनिक भाषण पर सत्र आयोजित करती आयी है।
मुस्कान की अन्य गतिविधियों में छात्रों के लिए कौशल-निर्माण पाठ्यक्रम और कार्यशालाएं शामिल हैं। इसके साथ छात्रों के लिए कोचिंग कक्षाओं की पायलट परियोजनाओं के तहत शुरुआत की गयी। जिसने अब भारत के प्रमुख शहरों को कवर कर लिया है। मुस्कान द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों और सत्रों की काफी सराहना हुई है।
कोलकाता के ला मार्टिनियर फॉर बॉयज के कक्षा पांच के छात्र अन्नान्मय डागा ने कहा, श्रीमती सुधा मूर्ति ने हमें दान का महत्व और सादगी की शक्ति के बारे में विस्तार से अवगत कराया। वह सादा जीवन और उच्च विचार के सिद्धांत पर जीती हैं। बहुत ही छोटे सत्र में उन्होंने हमें जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक का ज्ञान दिया है।