नई दिल्ली – हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली में एक इलैक्ट्रॉनिक शोरूम में लगी आग के हादसे में हुई चार लोगों की मौत से लोग डरे हुए हैं। फैक्ट्री और एक बैंक के ऑफिस में आग लग गई। वहीं बिल्डिंग में आग की घटना के दौरान करीब 50 लोग फंस गये थे। तब उन्हें फायर इंजीनियरिंग में दक्ष लोगों ने समय रहते बाहर निकाल कर बचाया। दो वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश के भदोही में पूजा पंडाल में आग लगने से आधा दर्जन लोगों की मौत हो गई थी और छह दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस तरह की ज्यादातर दुर्घटनाएं थोड़ी सी लापरवाही, शॉर्ट-सर्किट या फिर ऐसे स्थानों पर कोई प्रशिक्षित व्यक्ति नहीं होन की वजह से होती हैं। दूसरा पहलू यह भी है कि इस क्षेत्र में रोजगार के बड़े अवसरों के रास्ते खुल गये हैं। इस तरह के ज्यादातर स्थानों पर अब प्रशिक्षित पेशेवरों का सहयोग लिया जाने लगा है। यहीं से इस क्षेत्र में रोजगार के नये-नये रास्ते खुलते जा रहे हैं। फायर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रशिक्षित पेशेवर किसी भी तरह की आग की घटनाओं पर काबू पाने में सक्षम होते हैं। जब इन प्रशिक्षित लोगों को ऐसे संस्थानों की कमान दी जाती है तो इनका पूरा ध्यान उन कमियों को दूर करने पर पहले से ही होता है, जिनकी वजह से आग लगने की घटनाएं होती हैं।कैसे-कैसे कोर्सःदिल्ली कॉलेज आफ फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग के निर्देशक जिले सिंह लकरा ने बताया कि जज्बा, जुनून और अपने काम के प्रति समर्पण की भावना रखने वाले युवाओं के लिए इस क्षेत्र में शानदार कॅरियर बनाने का सुनहरा मौका है। www. DCFSE.COM.अतः इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए युवाओं को डिप्लोमा इन हेल्थ सेफ्टी एंड एन्वायरनमेंट, डिप्लोमा इन फायर फाइटिंग, पीजी डिप्लोमा इन फायर एंड सेफ्टी इंजीनियरिंग, बीएससी इन फायर इंजीनियरिंग, फायर टेक्नालॉजी एंड इंडस्ट्रीयल सेफ्टी मैनेजमेंट, इंडस्ट्रीयल सेफ्टी सुपरवाइजर, रेस्कयू एंड फायर फाइटिंग, जैसे कोर्सों का रास्ता चुनना चाहिए। इनकी अवधि 6 महीने से लेकर तीन साल तक है। कोर्स के दौरान हेल्थ, सेफ्टी एवं पर्यावरण प्रबंधन के साथ विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से बचने सहित किसी भी प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा से बचाव की तकनीकी जानकारी से लेकर जान-माल के बचाव के साइंटिफिक फॉर्मूले की जानकारी दी जाती है,।शैक्षणिक व शारीरिक योग्यता,इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए जितनी जरुरत डिग्री की है, उससे ज्यादा जरुरत कुछ व्यक्तिगत योग्यताओं की भी है। युवाओं के अंदर साहस और धैर्य के साथ लीडरशिप क्वालिटी और क्विक डिसीजन लेने की क्षमता का होना जरूरी है। डिप्लोमा या डिग्री में दाखिले के लिए 12वीं पास होना अनिवार्य है। इसमें प्रवेश के लिए ऑल इंडिया एंट्रेंस एक्जाम होता है। केमिस्ट्री के साथ फिजिक्स या गणित विषय में 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना भी जरूरी है।
