समान हित के क्षेत्रों में सहयोग के लिए आयुष मंत्रालय, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत औषधीय पौधों और उनके मानव, पौधों और जानवरों के लाभ के लिए मूल्य संवर्धित उत्पादों से संबंधित कृषि-प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान एवं विकास, वैधता और तैनाती को बढ़ावा व सहायता प्रदान करने के लिए अंतर-मंत्रालयी सहयोग के लिए हस्ताक्षर किए गए हैं। समझौता ज्ञापन पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, डॉ. त्रिलोचन महापात्र, महानिदेशक, आईसीएआर और सचिव, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग और डॉ. शेखर सी. मंडे, महानिदेशक, सीएसआईआर और सचिव, डीएसआईआर ने दिल्ली में तीनों संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। इससे पहले भी इन पक्षों का एक-दूसरे के साथ द्विपक्षीय सहयोग था।
आत्मनिर्भर भारत से संबंधित राष्ट्रीय आकांक्षाएं परिभाषित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बहु-पक्षीय हितधारक सहयोग की आवश्यकता को आकर्षित करती है। भारत अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के व्यापक इतिहास के साथ स्वास्थ्य, कल्याण, कृषि और भोजन सहित कई अन्य क्षेत्रों में मूल्यवान वैज्ञानिक विरासत से संपन्न रहा है। यह समृद्ध विरासत न केवल समकालीन समय में प्रासंगिक रही है, बल्कि यह आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ सहयोग और एकीकरण के तरीके से भविष्य की जरूरतों को भी अच्छी तरह पूरा करेगी। आयुष मंत्रालय, आईसीएआर और सीएसआईआर द्वारा आज हस्ताक्षर किए गए इस त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य भारत की परंपरागत कृषि पद्धतियों के प्रति ध्यान आकर्षित करना और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायता प्रदान करने के लिए इन उपायों की वैधता और तैनाती के लिए संयुक्त अनुसंधान एवं विकास कार्य करना है।
इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने वृक्षायुर्वेद, मृगायुर्वेद आदि के रूप में मूल्यवान परंपरागत ज्ञान की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह सहयोग इन परंपरागत विज्ञानों और प्रथाओं का समग्र कृषि की दिशा में लाभ प्राप्त करने के लिए वैधता प्रदान करने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा, ताकि इसका लाभ न केवल मुनष्यों को, बल्कि पौधों और जानवरों को भी प्राप्त हो। उन्होंने आयुष मंत्रालय की आयुर्वेद आहार पहल, 2023 में अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष तथा भारत के परंपरागत आहार पर आधारित स्वस्थ भोजन आदतों को बढ़ावा देने में तीनों पक्षों की क्षमता का भी जिक्र किया। इस अवसर पर डॉ. त्रिलोचन महापात्र, महानिदेशक, आईसीएआर और सचिव, डीएआरई ने कहा कि आईसीएआर, आयुष और सीएसआईआर द्वारा हस्ताक्षर किया गया यह सहयोग खाद्य और कृषि के राष्ट्रीय लक्ष्यों के लिए तीनों संगठनों के आदेश की पुष्टि करने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
यह प्रयास भारत के लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए इन कथित क्षेत्रों में तीनों पक्षों द्वारा विशिष्ट संयुक्त गतिविधियों पर ध्यान केन्द्रित करेगा। डॉ. शेखर सी. मंडे, महानिदेशक, सीएसआईआर और सचिव, डीएसआईआर ने बागवानी-फूलों की खेती सहित कृषि के क्षेत्र में आईसीएआर के साथ सीएसआईआर के साथ जैविक संबंधों और कोविड-19 महामारी के दौरान विशेष रूप से परंपरागत औषधियों को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय की सराहना की। उन्होंने आधुनिक एस एंड टी उपकरणों के माध्यम से भारतीय परंपरागत ज्ञान की विशालता और विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा किसानों की आजीविका में वृद्धि करने के लिए आत्मनिर्भर भारत के पक्षों के सामान्य लक्ष्यों को जोडऩे के लिए आज किए गए त्रिपक्षीय सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला।