चंडीगढ़- पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा कि अमृतपाल सिंह को छोड़कर सभी को कैसे गिरफ्तार किया गया। न्यायालय ने कहा, अगर वह बच निकला है, तो यह खुफिया विफलता है। उच्च न्यायालय ने वारिस पंजाब दे के कानूनी सलाहकार द्वारा दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई जारी रखी। इसमें अदालत से अनुरोध किया गया कि वह प्रतिवादियों को भगोड़े स्वयंभू सिख उपदेशक को उसके समक्ष पेश करने का निर्देश दे। न्यायमूर्ति एन.एस. शेखावत ने महाधिवक्ता विनोद घई से पूछा वह कैसे बच गया इस पर उन्होंने जवाब दिया, हमने मामले में अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पीठ ने पूछा कि अमृतपाल सिंह को छोड़कर सभी को कैसे गिरफ्तार किया गया है। पीठ ने कहा, आपके पास 80 हजार पुलिस हैं। उसे कैसे गिरफ्तार नहीं किया गया? अगर वह बच गया, तो यह एक खुफिया विफलता है।। महाधिवक्ता ने कहा, ऐसा कभी-कभी होता है। जी20 शिखर सम्मेलन भी चल रहा था। उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता तनु बेदी को इस मामले में न्यायमित्र नियुक्त किया और सुनवाई चार दिन के लिए स्थगित कर दी। न्यायालय ने सरकार से स्थिति रिपोर्ट भी मांगी है। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ एनएसए लगाया गया है।