नई दिल्ली। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने उत्तर रेलवे के प्रमुख विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों के साथ एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि रेलवे के लिए संरक्षा सर्वोपरि है। महाप्रबंधक ने रेलपथों,वेल्डों के अनुरक्षण मानकों को बेहतर बनाने और रेल पटरियों के निकट स्क्रैप को हटाने के लिए जोन में किए गए कार्यों की समीक्षा की । उन्होंने कोहरे के मौसम के दौरान संरक्षा बढ़ाने के लिए और जहां आवश्यक है, वहां कर्मचारियों को परामर्श देने के लिए मंडलों को अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पटरियों में दरारों और वेल्ड़ों की निगरानी व्यापक रूप से की जानी चाहिए और कोई गलती नहीं रहनी चाहिए ।महाप्रबंधक ने बताया कि दिव्यांग जनों की सुविधा के लिए मौजूदा शौचालयों के अलावा उत्तर रेलवे के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर 685 दिव्यांग अनुकूल शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा सीएसआर निधि से विभिन्न स्टेशनों के सर्कुलेटिंग एरिया में 82 और शौचालय बनाए जायेंगे। उन्होंने रेलगाडिय़ों के निर्बाध परिचालन के लिए रेलपथों और रिले व पैनल रूमों में संरक्षा बनाए रखने पर बल दिया। उन्होंने रेल परिचालन में मानवीय त्रुटियों को कम करने पर जोर दिया। उन्होंने विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों को समय पालनबद्धता को 95 प्रतिशत रखने और संरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मालभाड़ा लदान की रफ्तार बनाए रखने के निर्देश दिए। फ्रेट बिजनेस डेवलेपमेंट पर बोलते हुए महाप्रबंधक ने कहा कि बिजनेस डेवलेपमेंट यूनिटों के साथ परस्पर संपर्क बनाए रखना चाहिए । उन्होंने निर्देश दिए की बीडीयू को ग्राहकों के बीच भरोसे, सहयोग और आत्मविश्वास का माहौल बनाना चाहिए । उन्होंने रेलवे द्वारा दी जा रही रियायतों और उपायों को ग्राहकों तक पहुंचाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने यह भी बताया कि हर गुजरते माह के साथ खाद्यान्न और अन्य मदों के लदान में वृद्धि हुई है । उत्तर रेलवे अपने ग्राहकों को सुरक्षितए सुगम और बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।