नई दिल्‍ली-  एचसीपीएल के संयुक्‍त उपक्रम ने आज सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के भारत के सबसे बड़े एकमात्र हाइड्रो पावर कार्बन क्रेडिट्स प्रोजेक्‍ट के लिए बोली जीतने की घोषणा की है। इस प्रोजेक्‍ट से सतलुज जल विद्युत निगम की विशिष्‍ट परियोजना से 80 मिलियन से ज्‍यादा कार्बन क्रेडिट्स बनेंगे और इस प्रकार यह देश में कार्बन क्रेडिट्स के दावे और व्‍यापार के लिये सबसे बड़ा सार्वजनिक-निजी गठजोड़ है। इस कार्बन क्रेडिट प्रोजेक्‍ट से एसजेवीएन को लगभग 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्‍व मिल सकता है।एसजेवीएन ने कार्बन क्रेडिट्स के लिये योग्‍य सेवा प्रदाताओं को बोली के लिये आमंत्रित किया था। क्रेड्यूस और एचपीसीएल का संयुक्‍त उपक्रम निविदा की कठोर प्रक्रिया में विजेता बनकर उभरा  पेरिस जलवायु समझौते के नये नियमों के अनुसार भी चलना चाहते हैं। कार्बन क्रेडिट्स के लिये योग्‍य सेवा प्रदाताओं को बोली के लिये आमंत्रित किया था। क्रेड्यूस और एचपीसीएल का संयुक्‍त उपक्रम निविदा की कठोर प्रक्रिया में विजेता बनकर उभरा। एसजेवीएन और क्रेड्यूस पेरिस जलवायु समझौते के नये नियमों के अनुसार भी चलना चाहते हैं।यह घोषणा साल 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्‍सर्जन के मिशन की दिशा में एक बड़ा कदम है जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सीओपी26 समिट के दौरान की थी। इस बड़े गठजोड़ पर अपनी बात रखते हुए, क्रेड्यूस के संस्‍थापक शैलेन्‍द्र सिंह राव ने कहा, सीओपी26 में पीएम मोदी की घोषणा के अनुसार क्रेड्यूस ने कार्बन क्रेडिट्स पर दावे और उपयोग के लिये सभी हरित परियोजनाओं की स्‍वैच्छिक कार्बन क्रेडिट्स रूपरेखा और अनुपालन के भीतर निर्माण एवं सेवा की महत्‍वाकांक्षी यात्रा शुरू की है। हम इस डील का हिस्‍सा बनकर सम्‍मानित महसूस कर रहे हैं, जिसमें हम आने वाले दशक में कार्बन क्रेडिट्स और उनके राजस्‍व में लाखों का दावा करने में एसजेवीएन की सहायता करेंगे।एसजेवीएन के विशिष्‍ट और भविष्‍य के उत्‍पादों की संख्‍या निश्चित रूप से बैलेंस शीट की सेहत को बढ़ाने में सहायक होगी और हिमाचल प्रदेश तथा देश के अन्‍य भागों में ऐसी और भी परियोजनाओं के कार्यान्‍वयन को सहयोग देगी। हाइडेल कंसल्‍टेन्‍ट्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कार्तिक उपाध्‍याय ने कहा, हम भारतीय और वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था को कार्बन से मुक्‍त करने में सहायता के लिये क्रेड्यूस के साथ भागीदारी करके गर्व का अनुभव कर रहे हैं। कंपनी चाहे सरकारी हो या निजी, कार्बन बाजारों के लिये प्रतिबद्धता और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सहायता उसका कर्तव्‍य है